बदायूं संवाददाता आकाश बाबू
बदायूं। वजीरगंज ब्लॉक के गांव उरैना में रविवार रात एक और नौ साल के बच्चे की मौत हो गई।परिवार वालों का कहना है कि डॉक्टर ने उसको डेंगू बताया था।चार दिन में पांच लोगों की मौत होने के बाद रविवार रात गांव के अरशद अली के नौ वर्षीय पुत्र असद अली की मौत हो गई।
गांव के यूनुस की 26 वर्षीय पत्नी हाजरा बेगम, पुत्तन खान की 50 वर्षीय पत्नी मुन्नी बेगम और नासिर की 20 वर्षीय बेटी अंजुम की बुखार से इलाज के दौरान बरेली के एक अस्पताल में मौत हो गई थी। रविवार को 85 वर्षीय अमानउल्ला और 80 वर्षीय शाहजहां बेगम ने शनिवार को बुखार के कारण दम तोड़ दिया। पांच लोगों की मौत के बाद भी स्वास्थ्य विभाग ने यहां सुध नहीं ली।
चार दिन में पांच लोगों की मौत होने के बाद रविवार रात गांव के अरशद अली के नौ वर्षीय पुत्र असद अली की मौत हो गई। असद को कई दिन से बुखार आ रहा था। पहले परिवार वाले स्थानीय डॉक्टर से ही इलाज कराते रहे। रविवार को हालत बिगड़ने के साथ असद को खून की उल्टियां होने लगीं तो परिजन उसको लेकर बिसौली जा रहे थे, इसी दौरान रास्ते असद ने दम तोड़ दिया। अरशद अली का कहना है कि डॉक्टर ने उनके बेटे को डेंगू के लक्षण बताए थे। हालांकि, उन्होंने जांच नहीं कराई।
इधर, छह मौतों के बाद गांव में स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को हेल्थ कैंप लगवाया। यहां 280 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। यहां नौ मलेरिया के रोगी मिले। किट से दो लोगों को डेंगू की पुष्टि होने के बाद उनका सैंपल एलाइजा जांच के लिए भेजा है। गंभीर होने पर दस लोगों को हेल्थ कैंप से सीएचसी रेफर किया गया है।
सोमवार को संक्रामक रोग नियंत्रण सेल के नोडल अधिकारी डॉ. तहसीन और प्रभारी डॉ. कौशल गुप्ता भी गांव पहुंचे। मृतकों के परिवार वालों से बात कर मौत के कारणों की जानकारी जुटाई।
उरैना में कोई भी मौत डेंगू से नहीं हुई है। जिन लोगों की मौत हुई है परिवार वालों ने उसकी सरकारी अस्पताल में जांच नहीं कराई थी। मौत का कारण जानने के लिए जांच की जा रही है। संक्रामक रोगों को लेकर स्थिति सामान्य है। डेंगू की पुष्टि के लिए एलाइजा जांच जरूरी है। प्लेटलेट्स अन्य बुखार में भी कम हो जाती हैं।